राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन योजना : इन कृषि यंत्रों पर मिलती है 50% तक सब्सिडी

किसानों को खेतीबाड़ी और बागवानी कार्यों के लिए कई प्रकार के कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है। लेकिन आधुनिक खेती के उपकरण और कृषि यंत्र महंगे होने की वजह हर किसान ये यंत्र नहीं खरीद पाते हैं विशेषकर छोटे किसान जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हैं, वे इन कृषि यंत्रों को खरीद पाने में समर्थ नहीं होते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए किसानों को कई योजनाओं के माध्यम से सस्ते कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। 

बहुत कम किसानों को पता होगा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन योजना के तहत भी किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दिया जाता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको बताएंगे कि केंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत किसानों को कितनी सब्सिडी दी जाती है और इसका लाभ किसान कैसे ले सकते हैं।

क्या है राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन योजना (National Food Security Mission Pulses Scheme)

देश में दलहन का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन योजना चलाई जा रही है। इस योजना के कई घटक है। इन घटकों पर सरकार की ओर से किसानों को अनुदान दिया जाता है। इसमें किसानों को दलहन उत्पादन के लिए आवश्यक बुआई से लेकर कटाई तक उपयोग में आने वाले कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी भी दी जाती है। यह योजना देश के लगभग 16 राज्यों में चल रही है, जिस पर अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है। राजस्थान सरकार भी राज्य के किसानों को इन सभी कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी उपलब्ध कराती है।

राजस्थान में इस योजना के तहत कृषि यंत्रों पर कितनी मिलती है सब्सिडी

अभी बीते दिनों विधानसभा में पूछे गए एक सवाल में सरकार द्वारा किसानों को कृषि संयंत्रों पर कितना-कितना अनुदान दिया जाता है ? इस बात की जानकारी मांगी गई। इसके जबाब में राज्य के कृषि मंत्री ने राज्य में किसानों को सब्सिडी पर अलग-अलग योजनाओं के तहत दिए जाने वाले कृषि यंत्र एवं उस पर अलग-अलग किसान वर्गों को दिए जाने वाले अनुदान के बारे जानकारी प्रदान की।

किस कृषि यंत्र पर कितनी मिलती है सब्सिडी

राजस्थान सरकार द्वारा केंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-दलहन पर निम्न कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराए जाते हैं। इस पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत अलग-अलग यंत्रों पर अनुदान (सब्सिडी) की जानकारी इस प्रकार से है।

सीड ड्रिल / सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल पर कितनी मिलती है सब्सिडी

यह कृषि यंत्र 20 से 35 हार्स पावर (7 टाईन्स) के ट्रैक्टर के लिए है। सरकार की ओर से इस कृषि यंत्र पर लाभार्थी किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। जिसमें योजना के तहत अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, लघु/सीमांत एवं महिला किसानों के लिए 50 प्रतिशत की अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 18,000 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत की 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जो अधिकतम 16,000 रुपए है।

सीड ड्रिल/जीरो टिल सीड ड्रिल पर कितना मिलेगा अनुदान

यह कृषि यंत्र 35 हार्स पावर से अधिक (9 टाईन्स) के ट्रैक्टर के लिए है। सरकार की ओर से इस कृषि यंत्र पर किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। योजना के तहत अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, लघु/सीमांत एवं महिला किसानों के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है, जो अधिकतम 20,000 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 16,000 रुपए है।

सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल/जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल 

इस योजना के तहत चार प्रकार के कृषि यंत्र दिए जाते हैं। यह चार कृषि यंत्र इस प्रकार है-

  • 35 बी.एच.पी. से अधिक (9 टाईन्स) – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए लागत में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है, जो अधिकतम 21,300 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 17,000 रुपए है।
  • 35 बी.एच.पी. से अधिक (11 टाईन्स) – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जो अधिकतम 24,100 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 19,300 रुपए है।
  • 35 बी.एच.पी. से अधिक (13 टाईन्स) – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जो अधिकतम 26,900 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 21,500 रुपए है।
  • 35 बी.एच.पी. से अधिक (15 टाईन्स) – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जो अधिकतम 28,000 रुपया है। जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 22,400 रुपए है।

रोटावेटर पर दिया जाने वाला अनुदान (सब्सिडी)

इस योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर से संचालित होने वाली चार प्रकार के रोटावेटर पर अनुदान दिया जाता है। यह रोटावेटर 5 फीट, 6 फीट, 7 फीट तथा 8 फीट के हैं। यह सभी रोटावेटर 35 बी.एच.पी. से अधिक पावर वाले ट्रैक्टर के लिए है। जिसकी जानकारी इस प्रकार से है

  • 35 बी.एच.पी. से अधिक (5 फीट) – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, लघु/सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जो अधिकतम 42,000 रुपए है । जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 19,300 रुपए है।
  • 35 बी.एच.पी. से अधिक (6 फीट) – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला किसानों के लिए लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जो अधिकतम 44,800 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 35,800 रुपए है।
  • 35 बी.एच.पी. से अधिक (7 फीट) – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, लघु/सीमांत एवं महिला किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जो अधिकतम 47,600 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 38,100 रुपए है।
  • 35 बी.एच.पी. से अधिक (8 फीट) – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जो अधिकतम 50,400 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 40,300 रुपए है।

मल्टी क्रॉप थ्रेसर दिया जाने वाला अनुदान सब्सिडी

इस योजना के तहत किसानों को 20 से 35 एवं 35 बी.एच.पी. से अधिक पॉवर वाले ट्रैक्टर के लिए अनुदान दिया जा रहा है, दोनों पर सब्सिडी इस प्रकार है-

  • 20 से 35 बी.एच.पी. के पॉवर के ट्रैक्टर के लिए मल्टी क्रॉप थ्रेसर दिया जा रहा है। इस पर अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, लघु/सीमांत एवं महिला किसानों के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 40,000 रुपए है। इसके अलावा अन्य श्रेणी के किसानों को अधिकतम 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है जो अधिकतम 30,000 रुपए है।
  • 35 बी.एच.पी. से अधिक के पॉवर  ट्रैक्टर के लिए मल्टी क्रॉप थ्रेशरदिया जा रहा है। इस पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है जो अधिकतम 1,00,000 (एक लाख) रुपए है। इसके अलावा अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 80,000 रुपए है।

एम.बी.प्लाऊ दिया जाने वाला अनुदान

यह कृषि यंत्र 35 बी.एच.पी. से अधिक पॉवर वाले ट्रैक्टर के लिए दिया जा रहा है। इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 50,000 रुपए है। वहीं अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 40,000 रुपए है।

ट्रैक्टर ड्रॉन क्रॉप रीपर दिया जाने वाला सब्सिडी  

योजना के तहत किसानों को दो तरह के ट्रैक्टर ड्रॉन क्रॉप रीपर पर अनुदान दिया जाता है। इसमें 20 से 35 बी.एच.पी. तथा 35 बी.एच.पी. के ट्रैक्टर के लिए दिया जा रहा है। जिस पर किसानों को निम्न प्रकार से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है।

  • 20 से 35 बी.एच.पी. – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 40,000 रुपए है। वहीं अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान  दिया जाता है, जो अधिकतम 32,000 रुपए है।
  • 35 बी.एच.पी. से अधिक – इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 75,000 रुपए है। वहीं अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है जो अधिकतम 60,000 रुपए है। 

स्ट्रा रीपर पर दिया जाने वाला अनुदान

यह कृषि यंत्र 20 से 35 बी.एच.पी. के ट्रैक्टर के लिए दिया जा रहा है। इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला किसानों को लागत का 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है, जो  अधिकतम 75,000 रुपए है। इसके अलावा अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 60,000 रुपए है।

स्पाईरल सीड ग्रेडर पर दिया जाने वाला सब्सिडी  

इस योजना के तहत इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 17,500 रुपए है। जबकि अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 17,500 रुपए है।

पंप सेट दिया जाने वाला अनुदान

इस योजना के तहत यह 15 बी.एच.पी. तक का पंपसेट किसानों को अनुदान पर दिया जाता है। इस कृषि यंत्र पर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, लघु / सीमांत एवं महिला किसानों को लागत का 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 10,000 रुपए है। इसके अलावा अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम 8,000 रुपए है।

कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

इस योजना के तहत कृषि यंत्रों का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। वे इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वाले किसान का जनाधार कार्ड/आधार कार्ड की प्रति
  • बचत खाते की पास बुक की फोटो प्रति
  • जमाबंदी की नकल
  • अन्य वांछनीय दस्तावेजों की स्कैंड प्रतिमा लगाना अनिवार्य है।

कृषि यंत्रों पर अनुदान हेतु आवेदन प्रक्रिया

कृषकों को अनुदान प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र में स्थित ई-मित्र कियोस्क पर निर्धारित/लागू शुल्क, यदि कोई हो तो, जमा करवाकर समस्त आवश्यक दस्तावेजों की स्केंड कॉपी सहित ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा। किसी भी जिले के कियोस्कों की सूची www.emitra.gov.in पर देखी जा सकती है। अनुदान हेतु पंजीकरण की पावती संबंधित कियोस्क द्वारा किसान को दी जाएगी।